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जीवन का मूल्य | Jeevan Ka Mulya | Hindi Kahani | Moral Stories | Hindi Kahaniya | Hindi Fairy tales
नरेंद्र जिस कार्य को भी करने का कोशिश करता था, पहले ही निराश हो जाता था, कोई कार्य सुरु करने से पहले ही उससे प्राप्त फल के बारे में सोचने लगता था, एक दिन वो पंसारी का दुकान खोलता है, और एक आदमी उसे कहता
है अरे नरेंद्र तुमने पंसारी का दुकान तो खोल लिया, पर पहले खुद तो आटे, दाल का भाव पता कर लो ---- और अधिक पूरी कहानी पढ़ने के लिए वीडियो लिंक पे क्लिक करे